सवारे रसिया से हो गई अपनी यारी,
हो गई अपनी यारी, लागे बड़ी प्यारी
ये रसिया मोहे लागो प्यारो,
तीन लोक से यह है नयारो,
इनमे बसी बंकि सूरत मैं भी जाऊ बलिहारी,
सवारे रसिया से ...
यह रिश्ता नित सपने में आवे,
मीठी मीठी बतिये सुनावे,
जब यादो में पकड़न लगाई,
खुल गई आंख हमारी,
सवारे रसिया से .................
यह रसिया मेरो माखन चुरावे,
कुछ खावे ग्वालो को खिलावे,
इसने मेरा सब कुछ लुटा,
मेरा कुछ ना छोड़ा,
सवारे रसिया से ............
तन के उपर वारी आंखे,
लागे शवि बड़ी प्यारी प्यारी,
ब्रज में बंसी सूरत की,
सवारे रसिया से .............