कौशल के भूपती कुटिया मे सोये।

कौशल के भूपती कुटिया मे सोये।
देखे लखन जी तो जी भर के रोये।

लिखा जो मुकद्दर मे मिटाना है मुश्किल,
लिखा जो नहीं है तो पाना भी मुश्किल
कोई खो के पाए, कोई पा के खोये।

कौशल के भूपती कुटिया मे सोये।
देखे लखन जी तो जी भर के रोये।


यहाँ ब्राम्भ को भी सहना पड़ा दुख,
फिर जीव को क्या कब दुख है कब सुख
फिर काहे दुख में है पलकें भिगोए ।

कौशल के भूपती कुटिया मे सोये।
देखे लखन जी तो जी भर के रोये।

श्रेणी
download bhajan lyrics (563 downloads)