सजी है राम की नगरी अयोध्या राम आये है
अयोध्या राम आये है अयोध्या राम आये है,
पर्तिक्षा रत प्रजा शबरी अयोध्या राम आये है,
बहादों प्रेम की गंगा प्खारो प्रभु के चरणों को,
बिछादो फूल पलको से अयोध्या राम आये है,
देख कर अपने प्रभु जी को मेरी आंखे उमड़ आई,
हुई रोशन मेरी गलियां अयोध्या राम आये है,
मेरी इस दुनिया में आ कर प्रभु जी अब नही जाना
गुरु ब्रिज मोहन करे वंदन/कैलाश देविंदर करे वंदन अयोध्या राम आये है,