तेरे मोटे मोटे नैन कजरारे में,
जाऊं तो पे बलिहारी.......
तुझ बिन जीना भी क्या जीना,
तू है मेरे दिल का नगीना,
तूने कर दिया मुश्किल जीना,
में जाऊ......
मुझको पिला दे मस्ती का प्याला,
खोल दे नैनों की मधुशाला,
काली कमली ने ऐसा जादू डाला,
में जाऊ......
अब तो सुना दे मधुर मुरलिया,
तेरी लगन में हुई बावरिया,
तेरे दर्शन बांके बिहारी,
मैं जाऊं.…...
इतना करम पागल पर कर दे,
अपने यस का दामन भर दे,
बरस गाने राह दिखाई,
मैं जाऊं.....
तेरे मोटे मोटे नैन कजरारे में,
जाऊं तुझे बलिहारी........
*पं पीयुष कौशिक जी* *तासौड आगरा*