सोए गए कुंभकरण की नींद श्याम ना जगे जगाए से,
श्याम ना जगे जगाए से हरि जी ना जगे जगाए से....
श्याम तोहे दुनिया टैर रही रे,
बाट भारत में देख रही रे,
आके इनके दुख मिटाओ, दुख ना मिटे मिटाए से,
दुख ना मिटे मिटाए से, कष्ट ना कटे कटाये से....
श्याम तोहे मीरा टैर रही रे,
बाट प्याले में देख रही रे,
ऐसे सोए गए चादर तान, अमृत बने ना बनाए से....
श्याम तोहे द्रोपत टैर रही रे,
बाट भरी सभा में देख रही रे,
ऐसे सोए गए चादर तान, चीर ना बड़े बढ़ाए से.....
श्याम तोहे नरसी टैर रहे रे,
बाट जूनागढ़ देख रहे रे,
ऐसे सोए गए चादर तान, भात ना भरे भराए से.....
श्याम तोहे भक्त टैर रहे रे,
बाट सत्संग में देख रहे रे,
आके इनको दरस कराओ के दर्शन मिले ना मिलाए से......