शिव डमरू बजाये अंग भस्म रमाये. . . . .

तर्ज: ना जाने कहां दिल खो गया  ( फिल्म : दिल )

शिव डमरू बजाए अंग भस्म रमाये सर्पों का हार सजाये
मेरे शंकर भोले मेरे शंकर भोले

बैलों की असवारी बाबा थारी है
संग में रहती हरदम गिरिजा प्यारी है
देखो जरा देखो क्या रूप है, रूप बड़ा ही अनूप है
जो दर्शन पाये भव से तर जाए सर्पों का हार सजाये
मेरे शंकर भोले मेरे शंकर भोले

सर पे सोहे गंगा मस्तक चंदा है
गुण गाने से कटता यम का फंदा है
बाबा मेरे बाबा क्या हाल है, हाल बड़ा विकराल है
दुष्टों को खपाऐ, भक्तों को बचाए सर्पों का हार सजाये
मेरे शंकर भोले मेरे शंकर भोले

हरिकिशन शर्मा की बाबा अर्जी है
बेड़ा पार करो तो थारी मर्जी है
शिव शिव बोलो सब प्रेम से, प्रेम से नित नेम से
जो ध्यान लगाए वो सब सुख पाए सर्पों का हार सजाये
मेरे शंकर भोले मेरे शंकर भोले


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