नाम मुझे ऐसा बता दे कोई,
जपूँ जिसे और सारा दुःख बिसराऊँ,,,,
डगर कोई ऐसी बतलादे,
जिस पर चलकर उनके दर्शन पाऊँ,
कौनसा है वो चौखट दरबार,
जहाँ सजदा करूं मैं शीश नवाऊँ,
ऐसा कोई मुझे भजन बतादे,
महिमा प्रभु की जिसमें गाऊँ,
महादेव शिव हैं भोले भंडारी,
करते कृपा सबपे त्रिपुरारी,
नाम उनका सदा सुखकारी,
जपूँ जिसे और सारा दुःख बिसराऊँ....
डागरिया जो जाए काशी शिव धाम,
चलूँ उसपे उनके दर्शन पाऊँ,
एक है ऐसा मेरे शंकर का दरबार,
एक है ऐसा राजीव के प्रभु का दरबार,
जहाँ सजदे में मैं शीश नवाऊँ,
हर हर महादेव का करूं मैं जाप,
महिमा विश्वनाथ की ऐसे गाऊँ,
जपूँ जिसे और सारा दुःख बिसराऊँ....
©राजीव त्यागी नजफगढ़ नई दिल्ली