भम भोला भंडारी है शिव भम भोला भंडारी,
सारे जग का वाली है सारे जग का वाली,
भम भोला भंडारी है शिव भम भोला भंडारी,
शिखर कैलाश के बसने वाले तब से तन को कसने वाले,
यहाँ पलाप कार्यो की छाया सूंदर संदन यही मन बहाया,
जय दुःख बंजन जय त्रिपुरारी संग विराजत शेल कुमारी,
सारे जग का वाली है सारे जग का वाली,
भम भोला भंडारी है शिव भम भोला भंडारी,
नील कंठ मस्तक पे चंदा जता मुकत सिर पावन गंगा,
गौर बरन शोभित त्रिलोचन शांति निकेतन प्रभु भव मोचन,
धर्म दानी सुख धाम पुरारी हिरदय विराजत राम खरारी,
सारे जग का वाली है सारे जग का वाली,
भम भोला भंडारी है शिव भम भोला भंडारी,
भांग धतूरे भेट को पा कर रीज जाए जो वोही करुणाकर,
तिरलोकी के एक स्वामी मृत्युयान अंतर यामी,
हाल विशाल तृकुण्ड विराजे डमरू वाजी जीनगर गाजे,
सारे जग का वाली है सारे जग का वाली,
भम भोला भंडारी है शिव भम भोला भंडारी,