कैसा सुंदर सजा हैं दरबार
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कैसा, सुन्दर, सजा है दरबार,
गणपति बाबा का ॥
सारे, मिल के, करो जय जयकार,
गणपति बाबा का ॥
कैसा, सुंदर, सजा हैं दरबार...
कितनी, बार, देखा मेरा, दिल नहीं भरता ॥
अद्भुत, दिव्य, श्रृंगार, गणपति, बाबा का ॥
कैसा, सुंदर, सजा हैं दरबार...
गणपति, बाबा मेरे, नैनो की ज्योति ॥
सारे, भक्तो के, है सरदार, गणपति, बाबा जी ॥
कैसा, सुंदर, सजा हैं दरबार...
नित, उत्सव नित, मंगल करते ॥
सारे, भक्तो के, हैं रखवार, गणपति, बाबा जी ।
कैसा, सुंदर, सजा हैं दरबार...
भक्तो, को निज, चरणों में रखना ॥
सब, करते, रहे गुणगान, गणपति बाबा का ॥
कैसा, सुंदर, सजा हैं दरबार...
अपलोडर- अनिलरामूर्तिभोपाल