झूले, पलना में, कृष्ण कन्हईया,
बधाई, बाजे, गोकुल में ॥
बधाई, बाजे, गोकुल में,
बधाई, बाजे, गोकुल में ॥
झूले, पलना में, कृष्ण...
नन्द, भवन की, शोभा न्यारी ।
तीन, लोक, जाएं बलिहारी ॥
बाजे, नोबत, ढोल शहनईया,
बधाई, बाजे गोकुल में ।
झूले, पलना में, कृष्ण...
धन्य, भयो, नन्द, बाबा को अंगना ।
पूरण, ब्रम्ह, झूल, रह्यो पलना ॥
श्याम, तन पे, पीत झगुलिया,
बधाई, बाजे गोकुल में ।
झूले, पलना में, कृष्ण...
मंगल, गावे, मिल ब्रजनारी ।
जायो, यशोदा ने, गिरवर धारी ॥
झूमे, नाचे, ग्वाल, ग्वालिनिया,
बधाई, बाजे गोकुल में ।
झूले, पलना में, कृष्ण...
‘चित्र विचित्र’, जब, सुनी खबरिया ।
आये, पकड़, ‘पागल’ की, अंगुरिया ॥
जीवे, युग युग, नन्द जु को, छैईया,
बधाई, बाजे गोकुल में ।
झूले, पलना में, कृष्ण...
अपलोडर- अनिलरामूर्तिभोपाल