तर्ज - सावन का महीना
फागुन का महीना , चलो मालपुरा दरबार ।
दादा गुरु संग होली , हम खेलेंगे इस बार ।।
रंग रंगीला फागुन ये आया ।
दादा गुरु ने मालपुरा बुलाया ।।
दूर दूर से आते , है लाखो ही नर नार
दादा गुरु संग होली , हम खेलेंगे इस बार ।।
फागुन का महीना ....
दादा गुरु की दुनिया दीवानी है ।
कुशल गुरु से मेरी प्रीत पुरानी है ।।
सोनू मालपुरा में आता रहूँ हरबार
दादा गुरु संग होली , हम खेलेंगे इस बार ।।
फागुन का महीना ....
अमाँवास को स्वर्ग सिधारे ।
पूनम को दादा गुरुवर दर्श दिखाये ।। 2X
उदय राज की अर्जी करली तुमने स्वीकार
दादा गुरु संग होली , हम खेलेंगे इस बार ।।
फागुन का महीना....