मालपूरा तेरा सच्चा है धाम,
सुनके कुशल गुरु तेरा मैं नाम,
दर्शन पाने को आया दर पे तेरे.....
जैतसिरी के प्यारे, अपने भक्तो को परचा दिखाए
भर दिए वो झोली, कभी दर पे तुम्हारे फैलाए
खाली है ये दामन, आज भराने को ॥ १ ॥
सोमवार पुनम, तेरे दर्शन की महिमा है भारी,
दर पे सर झुकाने, आते लाखो ही नर और नारी
मैं भी तेरे चरणों में, पुष्प चढाने को I २ ॥
क्या बताऊँ दादा, तेरे दर्शन का मैं हु दिवाना
आश कर दो पूरी, दर से यूं ही न मुझको लौटाना,
आये है दादा गुरु, आज मनाने को आया दर ॥ ३* ।।
भजन गायक- सिंगर भीखम जैन