आता नहीं बाज,
करने शरारत तू।
तोड़ी है मटकी, माखन वाली,
झूठी खाता सौ।
गुस्से में आकर, रस्सी के साथ,
बांध दिया मइया ने।
रौनक लाई रखी है हमारे,
कृष्ण कन्हैया ने।
मस्ती में खिलखिल हंसता,
गोकुल में वास है रब का।
सबके मुख पे, कृष्णा कृष्णा,
नंद गोपाला वो, प्यारा सबका।
कोई असर नहीं, उस पर लगा,
शिकायतें रहती हैं।
रौनक लाई रखी है हमारे,
कृष्ण कन्हैया ने।
रंग सांवला, भोली सूरत,
कुंडलों वाले केस।
मनोहर दिल, खींच ले जाता है,
जिसने उसे देखा।
कृष्णा कृष्णा, सारे जग में,
धूम मची हुई है।
रौनक लाई रखी है हमारे,
कृष्ण कन्हैया ने।
नंद किशोर, माखन चोर,
दिल भी चोरी कर जाए।
किस्मत वाले घर में हो,
घर में पैर वह धर जाए।
देवी-देवता भी, देख कृष्ण को,
यह बातें कहते हैं।
रौनक लाई रखी है हमारे,
कृष्ण कन्हैया ने।