|| सब आरती उतारो यदुनन्दन की ||
सब आरती उतारो यदुनन्दन की ।
यदुनन्दन की नन्दनन्दन की ।। सब...
कंचन थाल धूप-घृत-बाती ।
और कपूर ज्योति हर्षाती ।।
पुष्प इत्र अरु चन्दन की । सब•••
मोर मुकुट की शोभा प्यारी ।
पीताम्बर की छटा है न्यारी ॥
मन बसिया जगवन्दन की । सब....
मकराकृत कुण्डल अति सोहै ।
घुँघरालीं अलकें मन मोहैं ।
कुंकुम तिलक सुगंधन की । सब••••
प्रिय राधा बाबा प्रिय मैया ।
कान्त सखा प्रिय प्रिय सब गैया ॥
भक्त और सब संतन की । सब....
स्वर : शत्रुघ्न जी
रचना : दासानुदास श्रीकान्त दास जी महाराज ।