भोले बम बम भोले,
सारे जग के है रखवाले,
भक्तो के भंडार भरे,
खुद भस्म रमाने वाले,
भोले बम बम......
अम्रत सबको देता है,
आप ज़हर पी लेता है,
महल दिए हैं भक्तो को,
खुद श्मशान में रहता हैं,
नीलकंठ कहलाता है,
भाग धतुरा खाता है,
बैल सवारी करते हैं डमरू को बजाने वाले,
भोले बम बम......
गंगा की सर पर है धारा,
मस्तक चंदा है प्यारा,
गले में मुंडो की माला,
जिसने सर्पों की धारा,
नाम जो तेरा गाता है,
फल उसको मिल जाता है,
बिन मांगे ही भक्तो को है, सब कुछ देने वाले,
भोले बम बम........
शरण मै तेरी आया हूं,
जग का बड़ा सताया हूं,
मुश्किल मेरी दूर करो,
मैं तो बड़ा घबराया हूं,
खाता देख ना तू मेरा,
भला बुरा हूं मैं तेरा,
अवगुण मेरे दूर करो,
मुक्ती को देने वाले,
भोले बम बम.....