जो गिरते को संभाले वही तो श्याम है
जो संकट से निकले वही तो श्याम है
लाडो बेटी हुई सयानी बाप की आंख में आ गया पानी
कैसे इसका ब्याह कराऊ इतना पैसा कहां से लाऊं
जो आके लाज बचा ले वही तो श्याम है
जो गिरते को संभाले वही तो श्याम है...
बच्चों को मां छोड़ गई है जग से नाता जोड़ गई है
रो रो कर तुझे पुकारे कौन देगा हमें सहारे
जो अपना समझ के पाले वही तो श्याम है
जो गिरते को संभाले वही तो श्याम है...
अंधे की लाठी बन जाओ निर्मल के साथी बन जाओ
श्याम कह कर उनकी सेवा श्याम के प्यार तुम बन जाओ
जो देता इन्हें सहारे वही तो श्याम है
जो गिरते को संभाले वही तो श्याम है...
लिरिक्स श्याम अग्रवाल कोलकाता
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