आई बदरिया बरसन आई
बरसन आई सखी बरसन आई
आई बदरिया...
गरज़-गरज़ दामिनी दमकावे,
ज्यों चुनरीं में झलक किनारी
आई बदरिया बरसन आई
बरसन आई सखी बरसन आई
आई बदरिया...
मधुर-मधुर कोयल बन बोले,
भवन-भवनगावत बृज़ नारी
आई बदरिया बरसन आई,बरसन आई
सखी बरसन आई
आई बदरिया...
चलत पवन शितल नारायण,
परत फुहार लगत अती प्यारी
आई बदरिया बरसन आई,बरसन आई
सखी बरसन आई
आई बदरिया...
बाबा धसका पागल पानीपत
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