जय गजानन गोरी के नंदन शिव प्यारे सुःख दाता
जय गणपति मंगल दाता जय गणपति मंगल दाता
देवा काशी पूरी मै जन्म तिहारों गिरिजा गोद खिलायें
देवा धुप दीप नवैध आरती तन सिंदूर लगाये
अरु मोदक भोग लगाये...
देवा आज सभा में आन बिराजो कार्तिक जी के भ्राता
जय गणपति मंगल दाता जय गणपति मंगल दाता
देवा रिद्धि सिद्धि तेरे चंवर ढूलायें मूसा कि है सवारी.
देवा पान पुष्प चरणों में चढ़ाकर पूजे दुनियाँ सारी
तोहे ध्यावे सब नर और नारी
देवा सब गुण लायक बुद्धि दायक शिव सूत ज्ञान सुजाता
जय गणपति मंगल दाता जय गणपति मंगल दाता
देवा ऋषि मुनि सब ध्यान लगाकर तेरा हीं गुण गाये
देवा तानसेन से ज्ञानी तुमको सबसे प्रथम मनाये
चरणों में शीश झुकाये
देवा सब गुण लायक बुद्धि दायक चरणों में शीश झुकाता
जय गणपति मंगल दाता जय गणपति मंगल दाता