तुम ही देवता हो तुम ही मीत मेरे 
तुम्ही प्राण वीणा के संगीत मेरे 
तुम ही देवता हो तुम ही मीत मेरे 
तुम ही मन के मंदिर में दीपक सलोने 
मधुर ज्योति में हस रहे चारो कोने 
हर इक सास आती है,
दीपक संजोने तुम्ही हो अँधेरे छनो के सवेरे 
तुम्ही प्राण वीणा के संगीत मेरे 
तुम ही देवता हो तुम ही मीत मेरे 
व्यथा वार मन प्राण कब तक सहे गे,
नयन आज तुम से हिरदये की कहे गी 
सदा रेन दिन श्री चरण में रहगे 
वकुल फूल से प्रीत के गीत मेरे 
तुम्ही प्राण वीणा के संगीत मेरे 
तुम ही देवता हो तुम ही मीत मेरे