मुकट सिर स्वर्ण का मेरे ग़ज़ा नन्द का,
माँ गोरा के ये लाल है देव ये कमाल है,
भगतो को गज मुख इनका रूप सुहाया है,
सब देवो ने इनका गुणगान गाया है,
मुशक असवार है ये सांचे अवतार है,
माँ गोरा के ये लाल है देव ये कमाल है,
इक दंत दया वणता चार भुजा धारी है,
माथे पे तिलक सुहाहे भप्पा दातारि है,
प्रमथ तेरा नाम है ये सांचे भगवान है,
माँ गोरा के ये लाल है देव ये कमाल है,
रिद्धि सीधी बल और भुधि के ये प्रदाता है,
सुख करता दुःख के हरता धन धान दाता है,
जो हिर्दय में धार ले तो भव से ये तार दे,
माँ गोरा के ये लाल है देव ये कमाल है,