मुझे ऐसा तू चश्मा लगाई दे

मुझे ऐसा तू चश्मा लगाई दे
मुझे कान्हा ही कान्हा दिखाई दे
मुझे ऐसा तू चश्मा लगाई रे
मुझे कान्हा ही कान्हा दिखाई दे....

इतनी कमजोरी है मेरी आंखें
कैसे देखूं नजर ना आवे मेरे
नैनों में ज्योति जगाई रे
मुझे कान्हा ही कान्हा दिखाई दे

मेरी आंखों में छाया अंधेरा
मुझे कान्हा की यादों ने घेरा
मेरे दिल में वो दीपक जलाए दे
मुझे कान्हा ही कान्हा दिखाई दे

चाहे हमको तू अंधा ही रखना
जरा इतना करम हम पर करना
हमको इतना तो पागल बनाई दे
मुझे कहना ही कान्हा दिखाई दे

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