दर्शन दीजे नाम सनेही,
तुम बिन दुःख पावे मेरी देही,
अन्न ना भावे नींद न आवे,
बार बार मोहे बिरहा सतावे,
अन्न ना भावे नींद न आवे,
बार बार मोहे बिरहा सतावे,
दर्शन दीजे नाम सनेही,
तुम बिन दुःख पावे मेरी देही,
नैनन चलत सजल जलधारा,
निश दिन पंथ निहारु तुम्हारा,
नैनन चलत सजल जलधारा,
निश दिन पंथ निहारु तुम्हारा,
दर्शन दीजे नाम सनेही,
तुम बिन दुःख पावे मेरी देही,
गृह आंगन मोहे कछु न सहाई,
बजर पई और फिरयो न जाई,
गृह आंगन मोहे कछु न सहाई,
बजर पई और फिरयो न जाई,
दर्शन दीजे नाम सनेही,
तुम बिन दुःख पावे मेरी देही,
मीन मरे जैसे बिन नीरा,
ऐसे तुम बिन दुखत शरीरा,
मीन मरे जैसे बिन नीरा,
ऐसे तुम बिन दुखत शरीरा,
दास कबीर जै करत विनंती,
महापुरूष अब मानिये,
दया कीजे, दर्शन दीजे,
दया कीजे, दर्शन दीजे,
अपनाकर मोहे जानिए,
दर्शन दीजे नाम सनेही,
तुम बिन दुःख पावे मेरी देही,