क्या मैं इतना अधम हु कन्हैया,
एक नजर मुझपे करते नहीं हो,
पार तुम्हको लगानी पड़ेगी मेरी बीच बावर में है नैया,
क्या मैं इतना अधम हु कन्हैया
या तो मुखड़ा तू अपना दिखा दे,
या गुन्हा मेरा मुझको बात दे,
मेरा कोई नहीं है खवैया,
मेरी बीच भवर में है नैया,
क्या मैं इतना अधम हु कन्हैया
अपनी चौकठ पे मुझको भुला ले,
जो गुन्हा मेरे उनको छुपा ले,
करदो इतना कर्म एह कन्हैया मेरी बीच भवर में है नैया,
क्या मैं इतना अधम हु कन्हैया
भाग्ये पागल का मोहन जगा दे,
यश को अपने गले से लगा ले,
गा रहे है यही दोनों भईया,
मेरी बीच भवर में है नैया,
क्या मैं इतना अधम हु कन्हैया