आ जाना आ जाना जब भूख लगे तुम्हे श्याम हमारे घर आ जाना
खा जाना खा जाना मखान आ के सुबह शाम हमारे घर खा जाना
पनघट पे जब भरने जाऊ पानी गगरी मेरी तुम्हे होगी उठ्वानी ,
हस हस के बाते बना के मुरली पड़ेगी तुमको सुनानि,
करने भी होंगे मेरे काम हमारे घर आ जाना
जब भूख लगे तुम्हे श्याम हमारे घर आ जाना
करनी न होगी तुम्हे मखान की चोरी कोई शिकायत करे न ब्रिज न गोरी
ग्वालियं के संग करना न बरजोरी अब कोई मटकी न जाए फोड़ी
तंग करना न कोई ब्रिज ग्वाल हमारे घर आ जाना
जब भूख लगे तुम्हे श्याम हमारे घर आ जाना
सोने की थाली में भोजन करवाऊ जल पिला के तुझे पेडा खिलाऊ,
सहज बिछा के तकिया लगाऊ प्रेम से तुम को मैं फिर सुलाऊ
प्रभु धागों के धीरे धीरे पाँव हमारे घर आ जाना
जब भूख लगे तुम्हे श्याम हमारे घर आ जाना