ये दुनिया श्याम तेरे किस्से मुझे जब भी सुनती है,
मुझे तेरी याद आती है
तेरी यादो में एह मोहन मैं पागल सा हो जाता हु,
बहाने तुमसे मिलने के घूमता ही मैं रहता हु,
तेरी ये दूरियां कान्हा बड़ा मुझको सताती है,
मुझे तेरी याद आती है ....
झूठी ये दुनिया श्याम मुझे बहलाती रहती है,
कभी रिश्ते कभी माया में मुझको बांध लेती है,
मेरी मजबूरियां कान्हा मुझे पल पल रुलाती है,
मुझे तेरी याद आती है ....
मेरी अर्जी को सुनले तू मुझे चरणों में रहने दे,
तेरी मूरत के दर्शन की मुझे हर रोज चढ़ने दे,
कठोर पवन को इहे कान्हा तेरी चौखट ये बाहती है,
मुझे तेरी याद आती है ....