कैसे जीयु मैं कृष्णा तुम्हारे बिना,
मेरा मन ही न लागे तुम्हारे बिना,
कैसे जीयु मैं कृष्णा तुम्हारे बिना
मेरे पापो का कोई ठिकाना नही,
तेरी प्रीत क्या होती है जाना नही,
रखलो चरणों में अवगुण निहारे बिना,
कैसे जीयु मैं कृष्णा तुम्हारे बिना
अपनी प्रीत की रीती सिखा दो मुझे,
अपनी यादो में रोना सिखा दो मुझे,
जीवन नी रस है तेरे दर्श बिना,
कैसे जीयु मैं कृष्णा तुम्हारे बिना
प्यारे पतितो की पतवार तुम्ही तो हो,
दीन दुखियो के दाता तुम ही तो हो,
काहा जाऊ मैं कन्हियाँ तेरे द्वारे बिना,
कैसे जीयु मैं कृष्णा तुम्हारे बिना