थारी सांवली सूरत वालो भेष

थारी सांवली सूरत वालो भेष हो बंसी वाला
हो जादू डारा आजो जी माहरे देश

सावन आवन केह गए जी कोई कर गए कोल अनेक
गिनता गिनता घिस गई माहरी आंग्लियाँ की रेख
हो बंसी वाला आजो जी माहरे देश

जोगन हो ये भी जंगल जंगल पाया ना थारो भेद
थारी सूरत कारण संवारा हे धर लियो भगवा वेश
हो बंसी वाला आजो जी माहरे देश

मोर मुकट पिताम्भर सोहे घुंगर वाला केश
मीरा को प्रभु गिरधर मिलियो ढूंडू बड़ा स्नेह
हो बंसी वाला आजो जी माहरे देश
श्रेणी
download bhajan lyrics (601 downloads)