हम तो तेरे दरबार के दरबारी हो गए,
भोले तेरे नाम के पुजारी हो गए,
ये कीर्तन और तेरे भजन से हम थे बेगाने,
अब तो तुम्हारे चरणों के भोले है दीवाने,
दर्शन दो एक बार हम दरबारी हो गए,
भोले तेरे नाम के.....
हैं भोले हम बालक तुम्हारे भूल ना जाना,
भव सागर से सबकी नैया आकर पार लगाना,
कर देना भवपार हम दरबारी हो गए,
भोले तेरे नाम के.....
ये ‘शर्मा’ अब तेरी शरण में आके पड़ा है,
जांगण राजकुमार भी भोले कबसे द्वार खड़ा है,
हे दानी दातार हम दरबारी हो गए ,
भोले तेरे नाम के,..........