शिव जी बोलो तो सही आंखें खोलो तो सही
आपकी शरण में दासी कब से खड़ी
आप नहीं बोलेंगे तो मैं गंगा बन जाउंगी
गंगा बन जाउंगी जटा में रम जाउंगी
शिव जी बोलो तो सही आंखें खोलो तो सही
आपकी शरण में दासी कब से खड़ी
आप नहीं बोलेंगे तो मैं चन्दा बन जाउंगी
चन्दा बन जाउंगी मस्तक में रम जाउंगी
शिव जी बोलो तो सही आंखें खोलो तो सही
आपकी शरण में दासी कब से खड़ी
आप नहीं बोलेंगे तो मैं बिच्छू बन जाउंगी
बिच्छू बन जाउंगी कानों से लग जाउंगी
शिव जी बोलो तो सही आंखें खोलो तो सही
आपकी शरण में दासी कब से खड़ी
आप नहीं बोलेंगे तो मैं सर्प बन जाउंगी
सर्प बन जाउंगी गले से लग जाउंगी
शिव जी बोलो तो सही आंखें खोलो तो सही
आपकी शरण में दासी कब से खड़ी
आप नहीं बोलेंगे तो मैं बाघाम्बर बन जाउंगी
बाघाम्बर बन जाउंगी अंगों से लग जाउंगी
शिव जी बोलो तो सही आंखें खोलो तो सही
आपकी शरण में दासी कब से खड़ी
आप नहीं बोलेंगे तो मैं डमरू बन जाउंगी
डमरू बन जाउंगी हाथों से लग जाउंगी
शिव जी बोलो तो सही आंखें खोलो तो सही
आपकी शरण में दासी कब से खड़ी
आप नहीं बोलेंगे तो मैं त्रिशूल बन जाउंगी
त्रिशूल बन जाउंगी तो हाथों से लग जाउंगी
शिव जी बोलो तो सही आंखें खोलो तो सही
आपकी शरण में दासी कब से खड़ी