कान्हा से है प्यार का बंधन शरधा से करता हु मैं बंधन,
रोको तो कोई मेरे श्याम को क्यों रूठा मुझसे,
आज मेरे श्याम को माना है हाल दिल श्याम को सुनना है,
मेरे दिल की है तमना श्याम से मिलने का है सपना,
मुझको तो बस इंतज़ार है होगा कब अपना,
आज मेरे श्याम को माना है हाल दिल श्याम को सुनना है,
मेरी खता को तुम भुलादो अपने चरणों में तुम जगह दो,
वरना कहा पे जाये गा ये बालक तेरा,
आज मेरे श्याम को माना है हाल दिल श्याम को सुनना है,
तुम तो हो मोहन जग के स्वामी मेरी भी सुनलो श्याम कहानी,
कब से खड़ा है तेरी राह में श्याम सेवक तेरा,
आज मेरे श्याम को माना है हाल दिल श्याम को सुनना है,