दौलत सोहरत है केवल संसार के लिए,
हम तो प्रेमी पागल है तेरे प्यार के लिए,
जो तेरा है दीवाना ना चाहे कोई खजाना,
उसको दिल भर से मतलब ना भये उसे जमाना,
मेरी आंखे तरस राखी है दीदार के लिए,
हम तो प्रेमी पागल है तेरे प्यार के लिए,
कोई चाहे चंचल काया कोई मांगे नैन की जोति,
कोई चाहे चाँदी सोना कोई मांगे हीरे मोती,
तेरे दर पे आई दुनिया उपहार के लिए,
हम तो प्रेमी पागल है तेरे प्यार के लिए,
गिरिराज गोवर्धन हारी मनमोहन मदन मुरारी,
गंगा गोरी ये कहते बस चाहे शरण तुम्हारी,
बे धड़क मांग रहे तुमसे परिवार के लिए,
हम तो प्रेमी पागल है तेरे प्यार के लिए,