दहि बेचन को राधा चली, कन्हैया जी को अच्छी लगी,
गोरे गोरे मुख पर लाल-लाल बिंदिया,
ऊपर से माँग भरी, कन्हैया जी को अच्छी लगी....
गोरे-गोरे हाथों में हरी-हरे चुड़ियाँ,
ऊपर से मेहंदी लगी, कन्हैया जी को अच्छी लगी.....
गोरे-गोरे तन पर नीली-नीली साड़ी,
ऊपर से पीली चुनरी, कन्हैया जी को अच्छी लगी.....
गोरे-गोरे मुख पर लाल-लाल बिंदिया,
ऊपर से माँग भारी, कन्हैया जी को अच्छी लगी.....
गोरे-गोरे पाँवों में बजनी सी पायल,
ऊपर से महावर लगी, कन्हैया जी को अच्छी लगी...