म्हारा भोला लहरी थारी तो जटा में गंगा रम रही रे
माथे उप्पर चंद्र बिराजे लहरी ,
म्हारा भोला लहरी तन में भस्म थांके रम रही रे ...
आंक धतूरा को भोक लगत लहरी ,
म्हारा भोला लहरी भंगिया घुट रही न्यारी रे .....
पहनो मृग छाल भोले ओढे नहीं साल लहरी ,
म्हारा भोला लहरी गल साँपन की माला डल रही रे ...
म्हारा भोला लहरी थारी तो जटा में गंगा रम रही रे ..
गायक --- टिंकू शर्मा खण्डार तहसील जिला सवाईमाधोपुर राजस्थान
मोबाइल न. -- 9602629718