दुनिया में हो अलख जगावे जोगियां रे,
डम डम डमरू भजावे जोगियां रे,
मोह तम तारा नई हारा रुदर शंकर,
भीष न प्ररम भेहरो भयंकर,
अंग अंग बहुत सजावे जोगियां रे,
डम डम डमरू भजावे जोगियां रे,
शीश सर्वेश शंकर कस हारी,
जय महाकाल जय जय त्रिपुरारी,
कल्पना मतलभी मनावे जोगियां रे,
डम डम डमरू भजावे जोगियां रे,