साँचा तेरा नाम तेरा नाम,
तू ही बनाये बिगड़े काम
तेरा कर्म है एक समन्दर,
जिसका नहीं किनारा,
दूर हुई हर मुश्किल उसकी जिसने तुझे पुकारा,
तेरे नाम का जाप करू मैं क्या सुबह क्या शाम,
तू ही बनाये बिगड़े काम ......
भटके हुए बंदो को माँ ने सिद्दी राह दिखा दे,
भर भर के सुने आंगन में प्यार का फूल खिला दे,
देता है तू राहत सबको बिन मांगे मिलता,
तू ही बनाये बिगड़े काम ......