जय गोरी लाल जय गोरी लाल,
रिधि सीधी के तुम हो दाता,
कर दो मुझपे थोड़ी नज़र.
आओ गणपति मेरी घर,
गोरा माँ के लाल हो प्यारे,
भोले के तुम राज दुलारे,
प्रथम तुमको पूजे सारे,
तुम को रहती सबकी खबर,
आओ गणपति मेरी घर,
मुशक की तुम करते सवारी,
तेरी महिमा सबसे है न्यारी,
इक दंत तुम ही कहलाते,
एक नाम है लम्बोधर,
आओ गणपति मेरी घर,
पान चादते फूल चडाते,
मोधक का तुम भोग लगाते ,
दीपक दीपांशु तेरी महिमा गाते,
हम पर भी करदो अपनी मेहर,
आओ गणपति मेरी घर,