चार भुजा धारी जी मुसे की सवारी,
गणपति देवा तेरे जाऊ बलहारी,
चार भुजा धारी....
चार युगो से चार भुजाये धरती गगन पताल गुण गाये,
गुण तेरा गाये देवा श्रिस्ति ये सारी,
चार भुजा धारी....
जो कोई ध्यावे नाम तुम्हारा जीवन में फैले उजियारा,
भक्त जनो के तुम हितकारी,
चार भुजा धारी.....
हे शिव नंदन गोरजा प्यारे मंगी गिल तेरी राह निहारे,
शुभ और लाभ के पर उपकारी,
चार भुजा धारी