मोहे भा गया बंसी वाला,
बन गई जोगणियां बनी मैं जोगणियां,
वो काली कमली वाला बन गई जोगणियां,
मुस्काये मीठा बांकी अदाए,
नैनो से जादू तीर चलाये,
वो जो माखन खाने वाला,
बन गई जोगणियां...
कुञ्ज गलियन में यमुना के तट पे,
हो री गगरियाँ चले वो मटक के,
वो गाइया चराने वाला,
बन गई जोगणियां...
केसरियां श्याम तिलक लगाए,
शोभा मुकट की वर्णी न जाए,
लेहरी वो नन्द का लाला,
बन गई जोगणियां...