गुरा दे दवारे चल बन्दया जिथे बिगड़ी बनाई जान्दी है,
इस जग दी शोभा नयारी है,
गल मन्दी दुनिया सारी है,
ऐथे नाम जपाया जानदा,
ऐथे अमृत पलाया जानदा,
गुरा दे.......
ये दर है सतगुरु प्यारे दा,
ऐथे अरज सुनाई जान्दी है,
जेह्डा दर्शन तेरा पांदा,
उह्दी किस्मत खुल जान्दी ये,
गुरा दे......
इस दर तो सब कुछ मिल्दा है,
ऐथे बांद नसीबा खुल्दा है,
ऐथे टूटी भेडी किस्मत नु,
गड लगाई जान्दी है,
गुरा दे......
एह दर है सतगुरु प्यारे दा,
इथे कर्मा वाले आंदे ने,
अज मैं भी दर ते जाना,
मेरे सतगुरु आप भुलाया है,
गुरा दे......