नन्हा सा फूल हूँ मैं, चरणों की धुल हूँ मैं ।
आया हूँ मैं तो तेरे द्वार, गुरु जी मेरी पूजा करो स्वीकार ॥
सुन लो हमारी अर्जी, मुझ को कुछ ज्ञान दो,
जीवन को जीना सीखूं ऐसा वरदान दो ।
सूरज सी शान पाऊं, चंदा सा मान पाऊं,
इतना सा देदो उपहार, गुरु जी मेरी पूजा करो स्वीकार ॥
मैं तो निर्गुणिया हूँ, बस इतनी सी बात है,
मेरे जीवन की डोरी अब तेरे हाथ है ।
थोडा सा गुण मिल जाए, निर्धन को धन मिल जाए,
मानू तुम्हारे उपकार, गुरु जी मेरी पूजा करो स्वीकार ॥