शेर पर बैठी मेरी मातारानी आजा तू मेरी शेरावालिये,
ज्योत जैसे चमक ने वाली आजा तू मेरी ज्योता वालिये,
जब जब भगतो पे विपदा है आती मेरी माता नहीं सेह पाती,
उनकी रक्षा करती माँ मेहर करके,हमारी माँ मेहरावलिये,
शेर पर बैठी मेरी मातारानी आजा तू मेरी शेरावालिये,
सब का मंगल करने वाली मेरी माता सब का दुःख हरने वाली मेरी माता,
सब की झोली है खाली देवी माता भर दे तू मेरी लाटा वालिये,
शेर पर बैठी मेरी मातारानी आजा तू मेरी शेरावालिये,
जगजानी की महिमा निराली है,
उनका रूप ही दुर्गा काली है,
पिंडी रानी के चरण में सिर झुकाओ आशीष दे पह्ड़ा वालिये,
शेर पर बैठी मेरी मातारानी आजा तू मेरी शेरावालिये,