मंगना वि नहीं आउंदा मैनु फिर भी तू मेहरा वरसाइयाँ,
मैं कोझी कमली दे पल्ले मुहो माँगियां खेरा पाइयाँ,
मंगना वि नहीं आउंदा मैनु फिर भी तू मेहरा वरसाइयाँ,
सजदे दा तरीका आउंदा नहीं आउंदे मैनु अरदास नि,
मैं विच नहीं कोई खुभी कोई हुनर कोई गुण खास नहीं
सब नजर इनायत दे तेरे रेहमत दियां तू झड़ियां लाइयाँ,
मांगना वि नहीं आउंदा मैनु फिर भी तू मेहरा वरसाइयाँ,
हाथ जोड़ के सीस झुका लेंदी सुख दुःख सब कोल सुना लेंदी,
सूरत तेरी सतगुरु प्यारे अँखियाँ दे विच वसा लेंदी,
बस इतनी तमन्हा सी मेरी तू बक्शियन जग दिया वडाइयाँ
मांगना वि नहीं आउंदा मैनु फिर भी तू मेहरा वरसाइयाँ,
मैं सुनिया सी इन्साफ सदा कर्मा दे मुताबिक हुंदा एह,
हर बंदा अपने कर्मा दी चंगियां मंदियाँ न धोंडा है,
मैं विच की तू तकियाँ दाता सब गलतियां शतलियाँ बक्सियाँ
मांगना वि नहीं आउंदा मैनु फिर भी तू मेहरा वरसाइयाँ,
किवे मैं शुक्र करा तेरा किस तरह मैं ध्यानेवाद करा,
हद तो जयदा दिता साहनु सिर झुक जन्दा जद याद करे,
मर मूक जनी साहिल दियां वे हरदम तू कीतियां सुंडा है,
मांगना वि नहीं आउंदा मैनु फिर भी तू मेहरा वरसाइयाँ,