अज्ज थोड़ी जेही सानू भी पिला दियो
नाम रस पीन वालियो
नशा नाम दा सानू भी चढा दियो
नाम रस पीन वालियो
नाम दी बुट्टी नू लाई जावो रगड़े
तेर मेर वाले सब मूक जान झगड़े
ऐसा प्रेम दा पाठ पढ़ा देयो
नाम रस पीन वालियो
नाम दीवानियो नाम वंजारियो
मस्त अलबेले संतों भगतो प्यारियो
यार अपने ना सानु भी मिला दियो
नाम रस पीन वालियो
ख़ाली ना रह जावे अज पैमाना कोई
मुड ना जावे प्यासा प्रेम दीवाना कोई
सारा महख़ाना साकी दा लूटा दियो
नाम रस पीन वालियो
आखदा मधुप अज पिनो नहियो हटना
नाम दी मस्ती च झूम झूम नचना
ऐसी नाम खुमारी चढ़ा दियो
नाम रस पीन वालियो