गुरु की कीजै बंदगी बारंबार प्रणाम
मैं अज्ञानी दास हूँ गुरु कर ले आप समान
यह तन विष की बेलरी गुरु अमृत की खान
सीस दिए से गुरु मिले तो भी सस्ता जान
बार बार वंदना, हजार बार वंदना,
बार बार वंदना कोटि-कोटि वंदना,
मेरे गुरुदेव जी को बार बार वंदना,
तुम ही मेरे ब्रह्मा हो, तुम ही मेरे विष्णु हो,
तुम ही मेरे शिव शंकर हो, तुम ही सर्वदेव हो,
आपके श्री चरणो में बार बार वंदना,
मेरे गुरुदेव जी को बार बार वंदना,
मीरा के जैसी भक्ति हमको देना,
शबरी के जैसी प्रीति हमको देना ,
भक्ति के आधार को है बार बार वंदना,
मेरे गुरुदेव को बार बार वंदना,
दास,भरत कुमार,तेरो यश गावे,
चरणों की चाकरी में सब सुख पावे,
मुक्ति के आधार को है बार बार वंदना,
मेरे गुरुदेव जी को बार बार वंदना
बार बार वंदना हजार बार वंदना ,
मेरे गुरुदेव जी को बार बार वंदना,
सिंगर भरत कुमार दबथरा