चिट्ठी पढके मुझ दुखिया की दर्शन

चिट्ठी पढके मुझ दुखिया की म्हारे घर आइये बाबाजी,
लगा हुआ दरबार तुम्हारा दर्श दिखाये बाबाजी,

चम्पा चमेली के फूलों से आसन तेरा लगाया रे,
माखन मिस्र्री का बाबाजी तेरा भोग बनाया रे
तु अभी तलक ना आया रे मेरी खता बताइये बाबाजी
लगा हुआ दरबार तुम्हारा

कद की तेरी बाट देखरी कब दर्शन होवै तेरा
सेवक से क्या गलती होगी खता खोट क्या हें मेरा
तेरा कुछ ना चाला रे बेरा मेरा खोट बताइये बाबाजी -लगा

अरे बाबाजी मैने तुही बतादे अब के यतन बनाऊं मे
भवसागर मे नाव फसी यो कैसे पार लगाऊं मै
तेरा दर्शन कैसे पाउं में सही राह बताइये बाबाजी -लगा

बाबाजी तेरी लीला न्यारी सब जग में प्रकाश तेरा
जीवों में तु रमता बाबा धरती और आकाश तेरा
यो कण कण में है वास तेरा मैने खोल बताइये बाबाजी
लगा हुआ दरबार तुम्हारा दर्श दिखाइये बाबाजी

download bhajan lyrics (1043 downloads)