मन चल रे गुरु के धाम हरी हरी गायेगे ॥
गाएँगे गवाएंगे नाचेंगे नचाएगे झूमेंगे झुमाएगे
मन चल रे गुरु के..........
भव बन्धन से मोह हटाले गुरु चरणों से द्ययान लगा ले ॥
तेरे बन जायेगे बिगड़े काम हरी हरी गायेगे ॥
मन चल रे गुरु के...........
गुरु जी तेरे रब से मिलाऐ ब्रह्म ज्ञान करते करवाये ॥
ना रिस्वत लगेगी ना धाम हरी हरी गायेगे ॥
मन चल रे गुरु के...........
गुरु से ज्ञान आज्ञान से मुक्ति.बतलाते सदगुरु जी बुद्धि ॥
लगे आवागवन से विराम हरी हरी गायेगे ॥
मन चल रे गुरु के.......
अन्धकार गुरु प्रकाश है. मन बुद्धि में परिभासा है ॥
है सर्वपरी ये नाम हरी हरी गायेगे,
मन चल रे गुरु के धाम हरी हरी गायेगे,