चल भगता दर माँ दे चलिये,
आ गिया अशु दे महीने रुता प्यारियाँ,
वाण गंगा दा ठंडा पानी वाण गंगा दा निर्मल पानी,
दातिये रज रज लावा विच धारियां,
चल भगता दर माँ दे चलिये,
आ गिया अशु दे महीने रुता प्यारियाँ,
हो चरण पादुका अर्धकवारी,
हाथी मथे दी आ गई वारि,
दातिये चढ़ी जावा मैं पोडियां प्यारियाँ ,
चल भगता दर माँ दे चलिये,
आ गिया अशु दे महीने रुता प्यारियाँ,
बागा दे विच कोयल बोले कोयल बोले मोर भी बोले.
दातिए फूल खिड़ियाँ ने फूल वाड़ियाँ,
चल भगता दर माँ दे चलिये,
आ गिया अशु दे महीने रुता प्यारियाँ,
बछड़ा तेरी भेट चढ़ावे चंचल माँ तेरे गुण गावे,
दातिये मिल गइयन संगता प्यारिया,
चल भगता दर माँ दे चलिये,
आ गिया अशु दे महीने रुता प्यारियाँ,