भवन में रस बरसे रस बरसे रे,
मिलने को मैया दिल तरसे दिल तरसे रे.....
मैया जी मेरे नैन हुए बेकार,
दर्शन करने को मन तरसे दिल तरसे रे,
मिलने को मैया दिल तरसे दिल तरसे रे.....
भगत तोहै नैना अनमोल,
दर्शन तो करो दिल भर के मन भर के रे,
मिलने को मैया दिल तरसे दिल तरसे रे.....
मैया जी मेरे कान हुए बेकार,
सत्संग सुनने को मन तरसे दिल तरसे रे,
मिलने को मैया दिल तरसे दिल तरसे रे.....
भगत तोहै कांदा अनमोल,
सत्संग तो सुनो मन भर कर दिल भर कर रे,
मिलने को मैया दिल तरसे दिल तरसे रे.....
मैया जी मेरा कंठ हुआ बेकार,
भेटे गाने को मन तरसे दिल तरसे रे,
मिलने को मैया दिल तरसे दिल तरसे रे.....
भगत तो है कंठ दउ अनमोल,
भेटे तो गाऊ दिल भर के मन भर के रे,
मिलने को मैया दिल तरसे दिल तरसे रे.....
मैया जी मेरे हाथ हुए बेकार,
दान करने को मन तरसे दिल तरसे रे,
मिलने को मैया दिल तरसे दिल तरसे रे.....
भगत तो है हाथ दऊ अनमोल,
दान करो मन भर के दिल भर कर रे,
मिलने को मैया दिल तरसे दिल तरसे रे.....
मैया जी मेरे पैर हुए बेकार,
तीरथ करने को मन तरसे दिल तरसे रे,
मिलने को मैया दिल तरसे दिल तरसे रे.....
भगत तो है पैर दऊ अनमोल,
तीरथ तो करो मन भर के दिल भर के रे,
मिलने को मैया दिल तरसे दिल तरसे रे.....