बम बम बम ब-बम ब-बम
बम बम बम बम
गल सर्पो की माला है माथे चंदा चमकाए
नंदी पर है बैठ के भोले
डम डम डमरू बजाए
बम बम ............
हे नीलकंठ त्रिपुरारी भोले भंडारी
बाग़म्बर तन पे साजे हे गंगाधारी
ताण्डव करते भोले बाबा
तन पे भसम रमाये
नन्दी पर है बैठ के भोले डम डम डमरु बजाये
बम बम.............
तुम भूतनाथ महाकाल अनघ तुम विश्वेश्वर
कहीं बद्रीनाथ कहीं सोमनाथ कहीं रामेश्वर
कभी व्योमकेश कभी शिवप्रियः कभी तुम तारक कहलाए
नंदी पर है बैठ के भोले डम डम डमरू बजाए
बम बम...............
वो दुखहर्ता मेरा शम्भू दीनदयाल है
ओघड़दानी मस्ती में रहने वाला है
हां ज़ैदिया भी तेरी लगन का अब जोगी बन जाए
नंदी पर है बैठ के भोले डम डम डमरू बजाए
बम बम बम..........
गल सर्पो की माला है
माथे चंदा.............