आओ गुरुवर मेरे डालू माला तेरे तोहे द्ययाउ,
ऊँचे आसन पे तोहै बिठाऊँ,बहुत दिनों से थी यह इन्तजारी.
आज बड भाग्य जो गुरु जी आये,दरसन करने को प्रेमीजन द्याए,
भक्ति दे दो हरि. अब क्यू देरी करि महिमा गाउ,
ऊँचे आसन पे तोहै बिठाऊँ
आओ गुरुवर..........
गुरु कब लावे आने की बारी,
मन में सुवागत करू भक्ति मेवा भरु पार जाऊ ,
ऊँचे आसन पे तोहै बिठाऊँ,
आओ गुरुवर.........
प्रेम दासी को दे दो सहारा. निज सेवा में तन मन हमारा
सदगुरु ने दरसन दिया जीवन सफल किया वारी जाऊ,
ऊचे आसन पे तोहै बिठाऊँ
आओ गुरुवर.........